• June 2, 2023

कम उम्र में शादी, 15 से 19 साल तक 4-4 बच्चे… सरकारी रिपोर्ट ने ही खोली महिला स्वास्थ्य पर ‘केरल मॉडल’ की पोल

कहने को केरल देश के सबसे शिक्षित प्रदेश है। लेकिन आप उसी केरल के एक सच जान कर हैराण हो जाएगे। केरला के लड़किया औसत 15 से 19 साल के बीच तीन से चार बच्चे जन्म दे रही है । ये आंकड़ा स्वयं केरला सरकार ने रिपोर्ट में बताया गया है। हम आज उस रिपोर्ट पर विस्तार पुर्वक बात करेंगे ।जो कहते है कि ज्यादा बच्चा पैदा करने के पिछे की वजह निरक्षर होना है , उन्होंने ये आंकड़ा गौर से देखना चाहिए| और समझना चाहिए कि इसके पिछे की वजह शिक्षा नहीं बल्कि धार्मिक है।
story married at young age gave birth of 4 children

केरल सरकार रिपोर्ट

गौलतलब है कि  केरल सरकार की एक रिपोर्ट से पता चलता है कि 2019 में बच्चों को जन्म देने वाली 4.37 प्रतिशत माताएं 15-19 आयु वर्ग की थीं। उसमें से कुछ माताओं का 19 साल तक दूसरा या तो तीसरा बच्चा भी हो गया था। केरला लेफ्ट सरकार लाख दावे कर ले महिला सशक्तिकरण के किंतु बाल विवाह के ये आंकड़े बताती है कि धरातल की परिस्थिती बिल्कुल अलग है और साथ में ये आंकड़े संपुर्ण देश के लिए

चिंता का विषय बन गया है।

राज्य के आर्थिक और सांख्यिकी विभाग ने सितंबर रिपोर्ट को जारी किया
आपको बता दे कि केरला राज्य के आर्थिक और सांख्यिकी विभाग ने सितंबर में यह रिपोर्ट प्रकाशित की थी। इस रिपोर्ट में कुछ आंकड़े आश्चर्यजनक हैं। 20,995 माताएं 15 से 19 साल के बीच के हैं। इस भी ज्यादा चौकाने वाली बात ये है कि इनमें से 15,248 शहरी क्षेत्रो में रहती हैं। सिर्फ 5747 माताएं ग्रामीण क्षेत्रो की रहने वाली हैं। रिपोर्ट के अनुसार 20 वर्ष से कम उम्र की माताओं में से 316 ने अपने दूसरे बच्चे को जन्म दिया। वहीं, 59 ने अपने तीसरे और 16 ने चौथे बच्चे को जन्म दिया।





आंकड़े को धर्म के आधार पर देंखे

आंकड़े को धर्म के आधार पर देंखे तो इनमें 11,725 ​​मुस्लिम माताएं हैं। वहीं, 3,132 हिंदू और 367 ईसाई हैं। ये आंकड़े शहरी क्षेत्रो आबादी के हैं। 

शिक्षित आधार पर देंखे तो

शिक्षा के आधार पर देंखे आंकड़े और हैराण करने  वाले हैं। इसमें  से ज्यादातर माताएं शिक्षित थीं। अर्थात 16,139 ने 10वीं कक्षा पास की थी, लेकिन स्नातक नहीं थीं। केवल 57 निरक्षर थे। 38 ने प्राथमिक स्तर की शिक्षा प्राप्त की थी। 1,463 ने प्राथमिक स्तर और कक्षा 10 वी तक पढ़ाई किया था। 3,298 माताओं के बारे में शिक्षा की इनफॉमेशन नहीं दिया गया है।

देश बाल विवाह खिलाफ कानून नहीं रूक रही बाल विवाह

देशभर बाल विवाह विरुद्ध कानून होने के बाद भी केरला में बाल विवाह नहीं रूक रहा है। आपको जानकर हैरानी होगी कि केरल पुलिस के अपराध आंकड़ों के अनुसार साल 2016 से इस साल जुलाई के बीच राज्य में बाल विवाह निषेध से जुड़े सिर्फ 62 मामले दर्ज किए गए। पिछले हफ्ते मलप्पुरम में पुलिस ने 17 साल की लड़की की शादी को लेकर मामला दर्ज किया था। इन आंकड़ो को आप किसी भी हद तक सही नहीं कह सकते है।

मुस्लिम क्षेत्रो में बढ़ी जनसंख्या

जैसा कि हम हमेशा ही कहते है कि जनसंख्या बढ़ने की कारण शिक्षा नहीं बल्कि कि धार्मिक कारण है। इसे आप इन आंकड़ों से समझ सकते है जो कि इसी रिपोर्ट मे है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जन्म दर (प्रति 1,000) 2019 में मामूली रूप से घटकर 13.79 हो गई है, जो कि 2018 में 14.10 थी। अगर जिले आधार पर विश्लेषण करिए गा तो पता चलता है कि
उच्चतम जन्म दर उत्तरी केरल के मुस्लिम बहुल में क्षेत्रो में थी। मलप्पुरम जिला में जन्म दर 20.73 प्रतिशत है। उसके बाद नंबर आता है वायनाड का। यहां जन्म दर 17.28 प्रतिशत है। कोझीकोड में यह 17.22 प्रतिशत है। सबसे कम कच्चे जन्म दर एर्नाकुलम और अलाप्पुझा (8.28) जिलों में दर्ज की गई थी। इस साफ तौर संदेश मिलता है कि जनसंख्या बढ़ने के कारण शिक्षा नहीं बल्कि कि धार्मिक है। बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार आंकड़ों से समझ लेना चाहिए, कि जनसंख्या बढ़ने के कारण शिक्षा नहीं है। क्योंकि नितीश कुमार जनसंख्या कानून का विरोध इस आधार पर करते है कि लड़किया शिक्षित हो जाएगी। जनसंख्या घट जाएगा। जबकि केरल देश के सबसे शिक्षित प्रदेश है , फिर भी जनसंख्या घटने जगह बढ़ रही है और बाल विवाह भी।

Leave a Reply

Infinix Zero 5G Goes Official in India as the Brand’s First 5G Phone: Price, Specifications Happy Hug Day 2022: Wishes, Messages, Quotes, Images, Facebook & WhatsApp status IPL Auction 2022 Latest Updates Happy New Year Wishes 2022 Happy New Year Wishes 2022 Happy New Year 2022 Wishes Omicron Variant: अमेरिका में ओमिक्रॉन वैरिएंट का पहला मामला