Laddakh incident: शुक्रवार को लद्दाख के तुरतुक सेक्टर में भीषण सड़क हादसे में सेना के 7 सैनिकों की शहीद हो गये थे। और 19 जवान गंभीर रूप से घायल हुए हैं। अब इस मामले में बस चालक अहमद शाह के विरुद्ध केस दर्ज किया गया है। मिडिया रिपोर्ट को माने ऐसा कहा जा रहा है कि नदी में गिरने से कुछ सेकंड पहले अहमद शाह ने बस से छलांग लगा दी थी।
: बस ड्राइवर अहमद शाह के विरुद्ध दर्ज हुआ केस

कैसे हुआ था हादसा?

हादसा थोइस से करीब 25 KM दूर सुबह नौ बजे हुआ। 26 सैनिक निजी तौर पर किराए के वाहन में परतापुर में ट्रांजिट कैंप से जा रहे थे। वहां एक भारतीय सेना ब्रिगेड का मुख्यालय है। सभी सैनिकों को उस क्षेत्र में एक अग्रिम स्थान पर ले जाया जा रहा था जिसे सेना सब सेक्टर हनीफ कहती है। एक अधिकारी ने कहा कि वाहन सड़क से फिसल गया और श्योक नदी में लगभग 50-60 फीट की गहराई तक गिर गया। जिससे सभी लोग घायल हो गए। सैनिकों को शुरू में परतापुर के 403 फील्ड अस्पताल में ले जाया गया और बाद में देश में सेना की बेहतर उपचार सुविधाओं में से एक पश्चिमी कमान अस्पताल में इलाज के लिए चंडीगढ़ ले जाया गया।
लद्दाख में सड़क हादसा में देश ने खोये 7 जवान और 19 घायल
शहीद होने वाले सैनिको के नाम
हाल में लद्दाख के घटना में शहीद होने वाला सैनिको के नाम सूबेदारर शिंदे विजय राव सरजेराव, नायब सब गुरुदयाल साहू, एल/ हव एमडी सैजल टी, नायक संदीप पाल, जादव प्रशांत शिवाजी और रामानुज कुमार की देश के लिए शहीद हो गये। पीएम मोदी समेत तमाम बड़े नेताओं ने इस घटना पर दुख जताया था।
ड्राइवर की लापरवाही प्रथमदृष्टया उजागर

अब केस में नया मोड़ आया जिस प्रथमदृष्टया ड्राइवर की लापरवाही सामने आ रही है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक इस हादसे में वाहन चालक अहमद शाह की लापरवाही का मामला सामने आया है। मूल रूप से कश्मीरी निवासी अहमद शाह बस से सभी सैनिक को ले जा रहे थे।और इसी दौरान बस से नियंत्रण खोने की वजह से वाहन लगभग 80 से 90 फीट गहरी खाई में लुढ़क गई। इसके बाद लेह पुलिस, सेना और स्थानीय लोगों ने बचाव अभियान शुरू किया। वाहन चालक के खिलाफ धारा 279, 337 तथा 304 के तहत नुब्रा थाने में केस दर्ज किया गया है। आपको बता दे कि कुछ रिपोर्ट में ये दावा किया गया है कि बस ड्राइवरअहमद शाह ने बस के नदी में गिरने से कुछ सेकंड पहले अहमद शाह ने बस से छलांग लगा दी थी। वही मिडिया बातचीत दौरान सेना के एक अधिकारी ने कहा कि यह घटना इसका सबूत है कि किस तरह सैनिक सुदूर इलाकों में अपनी ड्यूटी करने के लिए अपनी जान की बाजी लगा देते हैं।