
French Revolution: फ्रांसी कांति को आसान शब्दो समझे ? जाने कांति कारण और परिणाम
French Revolution: आज हम आपको आसान शब्दो में समझाए गे कि फ्रांसी कांति (French Revolution) क्या हैफ्रांसी कांति (French Revolution) के शुरूआत 18 वीं शताब्दी के अंत में प्रबुद्ध सोच और भयानक हिंसा से प्रभावित होकर, 1789 की फ्रांसीसी क्रांति ने फ्रांस में बड़ा राजनीतिक और सामाजिक परिवर्तन लाया। इसने राजशाही के अंत की शुरुआत का मार्ग प्रशस्त किया, और फ्रांस ने क्रांति के दौरान और बाद में खुद को विभिन्न सरकारों पर आजमाया। एक टूटी हुई राजनीतिक व्यवस्था को उखाड़ फेंकने के लिए आम लोगों का उत्थान यूरोप और नई दुनिया में लोकतांत्रिक सिद्धांतों के प्रचार को दर्शाता है।French Revolution
French Revolution
फ्रांसी कांति (French Revolution) से केवल फ्रास का इतिहास ही नहीं बदला बल्कि कि पुरा मानव इतिहास बदल गया ।।।आईए जानते हैं फ्रांस कांति का मुख्य कारण
फ्रांस का राजा लुई लुई सोलहवाँ एक निरंकुश शासक था, वह एक अयोग्य व्यक्ति था उसके शासनकाल में फ्रांस की उन्नति चरम सीमा पर पहुंच गई थी, लेकिन अंत में अनेक युद्ध के कारण तथा सप्त वर्षीय युद्ध के कारण आर्थिक स्थिति दयनीय हो गई थी। उसने अपने पोते लुई 17वें से अपनी मृत्यु के समय यह शब्द कहे थे- “मेरे बच्चे अपने पड़ोसियों के साथ शांतिपूर्ण कराने का प्रयत्न करना जितना जल्दी हो सके लोगों को छुटकारा देने का यत्न करना और इस प्रकार यह कार्य पूरा करना जिससे दुर्भाग्यवश मैं पुर्ण न कर सका।French Revolution
जब जनता का मजाक बनाया लुई सोलहवाँ के पत्नी ने
लुई सोलहवाँ के पत्नी ने जब लुई सोलहवाँ पुछा कि ये लोग आंदोलन क्यों कर रहे है। जब लुई सोलहवाँ ने बताया कि इन्हे रोटी नहीं मिल रही है। तब मजाक बनाते हुए कहते है कि रोटी नहीं मिल रहे ब्रेड तो खा सकते है।
दोषमुक्त शासन व्यवस्था (fault free governance)
फ्रांस की क्रांति (French Revolution) का एक अन्य एवं प्रमुख कारण वहां की बुरी शासन व्यवस्था थी। राजा देश का प्रधान था और वास्तु मुताबिक आचरण करता था। लुई 16 वें का विचार था कि देश की सरोज सत्ता व्यक्तिगत रूप से उसी में है। जहाँ देशभर से दरबार के पीछे और निरर्थक कार्यों में भाग लेने कुलीन लोग आते थे। कहा गया था कि दरबार देश का मकबरा है। एक्टन ने लुई 16वें के शासन को The Era of Repentant Monarcy कहा है।
French Revolution
कर के वसूल करने की प्रणाली भी अत्यधिक दोषपूर्ण थी। राज्य स्वयं अपने अधिकारों द्वारा कर वसूल नहीं करवाता था अपितु यह अधिकार सबसे अधिक बोली देने वाले व्यक्ति को दिया जाता था। परिणाम स्वरूप जहां व्यक्ति राज्य को एक निश्चित रकम देते थे वहीं दूसरी ओर जनता से अधिक से अधिक धन वसूल करने का प्रयत्न करते थे। जहां एक ओर जनता का शोषण किया जाता था वही सभी और राज्य को कोई लाभ ना होता था। सुखी कुलीन वर्ग वा पादरी कर नहीं देते थे अंततः संपूर्ण भोज साधारण वर्ग पर ही पड़ता था। फ्रांस के संपूर्ण शासन व्यवस्था को ही सुधारना पड़ा था।
French Revolution
(2) सामाजिक कारण
फ्रांस की क्रांति का एक महत्वपूर्ण कारण सामाजिक असमानता थी। मेडलिन के अनुसार, “1789 ई. की क्रांति का विद्रोह तानाशाही से अधिक समानता के प्रति थी।” फ्रांस की क्रांति के समय फ्रांस में समाज में अत्यधिक असमानता व्याप्त थी। समाज दो वर्गों में विभाजित था, विशेषाधिकार वाले वर्ग में कुलीन लोग और पादरी थे। जहां एक ओर इन्हें विशेषाधिकार प्राप्त थे। वहीं दूसरी ओर वह करों आदि से विमुक्त थे, यह फ्रांस में प्रसिद्ध था। “सरदार लड़ते हैं, पादरी प्रार्थना करते हैं, जनता व्यय का भार उठाती है।French Revolution
(3) आर्थिक कारण
फ्रांस की दयनीय आर्थिक अवस्था फ्रांस की क्रांति का प्रमुख कारण थी। कहा गया है कि फ्रांस की क्रांति को शीघ्र लाने का उत्तरदायित्व आर्थिक कारणों पर था और दार्शनिक विद्वानों द्वारा तैयार किया गया बारूद आर्थिक कारणों के द्वारा भड़काया गया था। लुई 16वें के युद्ध ने देश की आर्थिक व्यवस्था को अत्याधिक दयनीय बना दिया था। जिस समय उसकी मृत्यु हुई उस समय देश की आर्थिक व्यवस्था अत्यंत खराब थी।यद्यपि उसने लुई 16 वें को आर्थिक व्यवस्था सुधारने और युद्ध से बचने का परामर्श दिया था, किंतु लुइ 16वें ने उसके परामर्श पर विशेष ध्यान ना दिया अभी तो उसने बहुत से युद्ध में भाग लिया। राजमहल और प्रेमिकाओं (girlfriend)पर भी बहुत रुपया नष्ट किया। जब लुइ 16 वां फ्रांस की गद्दी पर बैठा तो उस समय फ्रांस का दिवाला निकालने वाला था लेकिन फिर भी फ्रांस ने अमेरिका के स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया। इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि अमेरिका के स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने से ही फ्रांस में व आर्थिक संकट आया ,जो कि आगे चलकर फ्रांस की क्रांति का कारण बन गया यानी अगर फ्रांस अमेरिका के स्वतंत्रता संग्राम भाग नहीं लेता शायद कभी भी फ्रांस कांति कभी होता ही नहीं।
फ्रांस के क्रातिं का परिणाम

1. धर्मनिरपेक्ष राज्य की स्थापना
इस क्रांति ( Revolution) का परिणाम स्वरुप यूरोपीय देश में धार्मिक सहिष्णुता का दुष्प्रभाव हुआ एवं लोगों को धार्मिक उपासना की सुंदरता प्राप्त हुई तथा धारण के संबंध में राजा का कोई हस्तक्षेप नहीं रहा। बोर्ड परीक्षा की तैयारी कैसे करें ? Class 10th Or 12th Exam Preparation 20232. सामाजिक समानता एवं राष्ट्रीय बंधुत्व की भावना का विकास
क्रांति ( Revolution) के वक्त कांति कार्यों द्वारा इन्हें 3 सिद्धांतों के प्रसार को अपना ध्येय बनाया गया। क्रांति ने राजनीतिक आर्थिक सामाजिक तथा धार्मिक दृष्टि से हर नागरिक को पूर्ण रूप से स्वतंत्रता का अधिकार प्रदान किया।स्वतंत्रता समानता और बंधुत्व का प्रचार केवल फ्रांस में ही नहीं अपितु सभी यूरोप में किया गया।