हाल में ही बिहार के डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद ने विधानसभा चुनाव में कहा कि बिहार में नगर निकाय चुनाव समय पर होगा किंतु अब खबरे आ रही है कि
चुनाव में देरी होने के संभवना हैं। नगर निकाय चुनाव एवं पंचायत उपचुनाव के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने नगर विकास विभाग एवं पंचायतीराज विभाग से सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर अमल करने की सिफारिश की है। ताकि इस दिशा में पहल हो सके।आयोग ने सरकार से कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के न्याय-निर्णय के आलोक में ही राज्य में आगामी चुनाव कराया जाना है। उसी अनुरूप पिछड़े वर्ग के आरक्षण का अनुपात तय करना है। सुत्रो के मिली जानकारी है कि सरकार ने अपनी कार्रवाई भी शुरू कर दी है। नगर विकास विभाग एवं पंचायतीराज विभाग विधि विभाग व राज्य के महाधिवक्ता से निरंतर संपर्क में है और उनसे परामर्श मांगा है। वहीं, सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के आलोक में सरकार ने विशेष कमेटी गठित करने का निर्णय लिया है। कमेटी की रिपोर्ट पर आगे कार्रवाई करने का निर्णय लिया जाएगा।Bihar Nagar Nikay Chunav 2022:
तकनीकी समस्या कारण चुनाव में देरी
सूत्रों के अनुसार, तकनीकी समस्या के चलते नगरपालिका चुनाव में देरी से होने की अटकलें लगायी जा रही हैं। जून 2022 में नगरपालिका के निर्वाचित पार्षदों का कार्यकाल पुर्ण हो जाएगा। इसके पूर्व अप्रैल व मई में चुनाव तैयारियां पूरी कर चुनाव सम्पन्न करा पाना कठिन होता जा रहा है। जनसंख्या के आधार पर वार्डो के गठन के बाद ही मतदाता सूची तैयार होगी और बूथों का गठन होगा। चुनाव को लेकर सीटों पर नगर निकायवार पिछड़े वर्ग की विभिन्न जातियों के लिए आरक्षण निर्धारित किए जाएगे , तभी चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी।राज्य में नगरपालिका चुनाव के अनुसार पिछड़े वर्ग को अभी 20 % आरक्षण दिया जा जाएगा। आयोग सूत्रों के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के न्याय-निर्णय के मुताबिक नगर निकायों के चुनाव के पहले पिछड़े वर्ग की उप जातियों के लिए आरक्षण निश्चित किया जाना चाहिए । इसी के आधार पर पार्षद का चुनाव होगा। इस बार नवगठित नगर निकायों, उत्क्रमित नगर निकायों और सीमा विस्तारित नगर निकायों के मेयर-डिप्टी मेयर, सभापति और उप सभापति का चुनाव भी होना है। अभी राज्य सरकार ने मेयर- डिप्टी मेयर तथा सभापति-उप सभापति के चुनाव खर्च का भी निर्धारित नहीं किया है।Bihar Nagar Nikay Chunav 2022:
राज्य में नगर निकाय
नगर निगम : 19
नगर पंचायत : 155
नगर परिषद : 89
अलग-अलग सूची बनाना भी अत्यंत कठिन : मोदी
पूर्व डिप्टी सीएम व राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि सेवा और शिक्षा में आरक्षण राजनीतिक आरक्षण से अलग है। इसलिए दोनों की सूची अलग-अलग होगी। राज्यों के पास कोई आंकड़ा नहीं है और नया आयोग बनाने का अर्थ है कि लंबे वक्त तक चुनाव टालने पड़ेंगे। ऐसी सूची बनाना भी अत्यंत मुश्किल है। 29 मार्च को उन्होंने राज्यसभा में शून्यकाल के वक्त यह मामला उठाया था।
कब होगा चुनाव ???
हमारे सुत्रो के माने तो नगर निगम चुनाव प्रक्रिया मई अंतिम या फिर जुन के पहले सप्ताह किया जा सकता है। हमारे विश्वसनीय सुत्रो जब इस खबर की जानकारी जुटाया तो हमारे पास ये अपडेट आया है कि संभवना है कि जुन अंतिम सप्ताह या जुलाई पहले
सप्ताह तक चुनाव सपन्न करवा लिया जाएगा।