Bihar Municipal Election:बिहार निकाय चुनाव (Bihar Nagar Nigam Election 2022) में अति पिछड़ा के आरक्षण पर पटना हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी। जिसके बाद 4 अक्टूबर को निकाय चुनाव को स्थगित कर दिया गया था। उसके बाद बिहार सरकार ने हाई कोर्ट का रुख किया और अदालत के आदेश के बाद अक्टूबर में नीतीश सरकार ने पिछड़ा आयोग के लिए कमीशन का गठन किया था। जिसके कल शाम को चुनाव का नया तारीखों का ऐलान किया है। जिसमें पहला पेज का 18 दिसंबर और दुसरा पेज को 28 तारीख को करवाए जाएगा। जबकि गिनती 20 और 30 को करवाए जाएगा।
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लेकिन सुशील मोदी का दावा है कि सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से राजनीतिक पिछड़ेपन की पहचान के लिए बनाए गए ‘डेडीकेटेड कमीशन’ पर रोक लगा दी है। जबकि सच्चाई ये है कि सुप्रीम कोर्ट ने आर्थिक तौर पिछड़ेपन डेडीकेटेड कमीशन’ रोक लगाया है।
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सुशील मोदी का बड़ा बयान
वहीं BJP सांसद सुशील मोदी ने सरकार पर हमला बोला है। साथ ही कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश में टाइपिंग एरर हुआ है।अति पिछड़े (Extremely Backward ) की जगह आर्थिक पिछड़ा (Economically Backward ) टाइप हो गया है। सुशील मोदी अपने ट्वीट में लिखते हैं कि क्या बिहार में कोई Economically Backward कमीशन है? तो फिर कोर्ट ने किस कमीशन पर रोक लगायी? सांसद ने एक ट्वीट में ये दावा किया है कि सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर कॉपी में इस टाइपिंग एरर को सुधारा जाएगा और ऑर्डर फिर जारी किया जाएगा। सुशील मोदी ने उम्मीदवारों से अपील तक कर दी कि वो अभी सोच समझकर चुनाव में खर्च करें क्योंकि ये चुनाव कभी भी टल सकता है और इसपर फिर रोक लग सकती है।
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राजद का भाजपा पर हमला
वास्तव में सुप्रीम कोर्ट ने अपने ऑर्डर में आर्थिक पिछड़ा वर्ग आयोग (इकोनॉमिकली बैकवर्ड क्लास कमीशन ) का जिक्र किया है। जबकि इस तरह का कोई आयोग बिहार में अस्तित्व में नहीं है। इसे लेकर भी विवाद छिड़ा है। राजद के प्रवक्ता चितरंजन गगन ने भाजपा नेताओं पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की गलत व्यख्या कर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया है। उनका मानना है कि सुप्रीम कोर्ट ने आर्थिक पिछड़ा वर्ग आयोग के गठन पर रोक लगाया है ना कि अति पिछड़ा वर्ग आयोग के गठन पर।