bihar election 2020 fact check : viral video katihar ram prakash mahto ने दावा किया कि india gate पर भारत आजादी के लिए लड़ने वाले ज्यादा सैनिको संख्या मुसलमान जानिए वास्तविकता ..
कटिहार विधानसभा क्षेत्र 63 से आरजेडी के उम्मीदवार राम प्रकाश महतो जो कि प्रोफेसर भी उनका सम्मान में करता हूँ परंतु आज एक विडियो वायरल हो रहा था जिसमें उन्होंने कहा कि इंडिया गेट पर देश की आजादी के लिए शहीद होने वाला नाम है और उसमें मुस्लिमो संख्या ज्यादा है ...
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वास्तविकता क्या है वो भी बताएगे कुछ साल पहले मुंबई की एक रैली में एआईएमआईएम पार्टी के अध्यक्ष और हैदराबाद से लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी एक ऐसा ही दावा किया था ..
परंतु उसी समय इंडिया टुडे ने एक fact check चैक किया था , उसमें पाया है कि ये दावा भ्रामक है. इंडिया गेट पर जिन शहीदों के नाम दर्ज हैं वो दरअसल ब्रिटिश सेना के सिपाही थे और उन्होंने विश्व युद्ध में अपनी शहादत दी थी न कि भारत की आजादी के आंदोलन में।।
इंडिया गेट का इतिहास
दिल्ली पर्यटन विभाग के मुताबिक इंडिया गेट की नींव ड्यूक ऑफ कनॉट ने 1921 में रखी गई, इसका डिजाइन इडविन लुटियन ने किया था और 10 साल बाद वायसराय लॉर्ड इरविन ने इसका उद्घाटन किया.
विश्व युद्ध के दौरान हजारों भारतीयों ने ब्रिटिश फौज की ओर से जंग लड़ी. इंडिया गेट एक युद्ध स्मारक है जो विश्व युद्ध के दौरान मारे गए 70000 भारतीयों की याद में बनाया गया था.
इंडिया गेट के शिलालेख पर क्या खुदा है
इंडिया गेट के टॉप पर ‘INDIA’ शब्द खुदा है. उसके दोनों तरफ रोमन में ताऱीखें लिखीं हैं (1914) और (1919) on the right. साथ ही ये भी लिखा है.
भारतीय सेनाओं के शहीदों के लिए, जो फ्रांस और फ्लैडर्स मेसोपोटामिया फारस पूर्वी अफ्रीका गैलीपोली और निकटपूर्व एवं सुदूरपूर्व की अन्य जगहों पर शहीद हुए और उनकी पवित्र स्मृति में भी जिनके नाम दर्ज़ हैं और जो तीसरे अफ़ग़ान युद्ध में भारत में या उत्तर-पश्चिमी सीमा पर शहीद हुए.
कौन थे शहीद
कॉमनवेल्थ वॉर ग्रेव्स कमीशन के मुताबिक इंडिया गेट पर 13220 भारतीयों के नाम दर्ज हैं. कॉमनवेल्थ वॉर ग्रेव्स कमीशन ये एक ऐसी संस्था है जो दुनिया भर में युद्ध शहीदों का रिकॉर्ड रखती है. कमीशन के वेबसाइट पर लिस्ट भी मौजूद है.
इस लिस्ट में मुसलमानों के साथ साथ कई दूसरे भारतीय और ब्रिटिश सिपाहियों के भी नाम हैं.
निष्कर्ष
आजादी की लड़ाई में कई मुसलमानों ने अपनी जान दी लेकिन राम प्रकाश महतो और कुछ और लोगों का ये दावा गलत है कि इंडिया गेट पर आजादी के सिपाहियों के नाम खुदे हैं.
इंडिया गेट पर सिपाहियों ने नाम लिखे हैं जो विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश सेना की ओर से शहीद हुए. इनकी कुल संख्या 13220 है न कि 95300 जैसा कि दावा किया जा रहा है
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