Video देखिए | bihar election 2020: Episode 2: पाटलिपुत्र का 2020 में किंग कौन? Bihar mein पलायन व बेरोजगारी की समस्या सामधान ,
पिछले episode में आप ने देखा कि बिहार पलायन की समस्या के बारे में , आज किन विषय पर बात करेंगे तो बता दे कि हमारा आज का पहला मुद्दा बेरोजगारी निजी रिसर्च एजेंसी CMIE के ताज़ा आँकड़ो के बारे बात करेंगे।
दुसरा मुद्दा पलायन की भी समस्या भी बताएगे जो कि हम पिछले episode समय की कमी वजह से नही दिखा पाए थे।
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अंत में पलायन और बेरोजगारी की समस्या का सामधान भी बताएगे। जैसा कि आप मेरा पुरानी आदत है कि केवल समस्या ही नही बल्कि उसका समस्या सामधान (Solution) भी
बताते है।
दोस्तों ये सीरीज इंटरनेट इतिहास की सबसे बड़ी सीरीज जिसमें हम बात करेंगे कि बिहार की समस्या उसका सामधान क्या है , जिसे आप हमारे यूट्यूब चैनल Ind talk पर देख सकते है ओर हमारे website Shashiblog.in पढ़ सकते है।
सबसे पहले बात करते है एक निजी रिसर्च एजेंसी CMIE के ताज़ा आँकड़ो के अनुसार देश के सभी बड़े राज्यों में बिहार में सबसे अधिक बेरोजगारी है। चलिए दोस्तों जानते हैं विस्तार से इन आँकड़ो को
नए आँकड़ों के अनुसार बिहार में बेरोजगारी पिछले साल से तीन फीसद बढ़कर 10.2 प्रतिशत तक पहुंच गई है। लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर बेरोजगारी दर में कमी आई है। देश में बेरोजगारी की दर पिछले साल से कम होकर 5.8 फीसद पर पहुंच गई है। पिछले साल देश में बेरोजगारी की दर 6.1 फीसद थी।बेरोजगारी की दर में कमी ने सभी को हैरान किया है।
ये थी बेरोजगारी की आँकड़े कहते है कि आँकड़े कभी झुठ नही बोलते है। ये बाते बिहार मुख्यमंत्री नितीश कुमार जरूर याद रखना चाहिए। जो कि ये कहते कि बिहार में मजदुर पलायन शौक करते है।
खैर आगे बढ़ते है , अब हम बात करेंगे बिहार के कटिहार के बारे में।
बिहार के कटिहार औद्योगिक क्षेत्र तौर पर पहचान था
बिहार कटिहार (Bihar Katihar) में औद्योगिक क्षेत्र तौर पर पहचान थी। कटिहार को उद्योग नगरी या कटिहार बिहार के उद्योग का राजधानी नाम के तौर प्रसिद्ध था। कहते है कि कटिहार में अनगिनत फैक्ट्री थी। लेकिन फैक्ट्री मालिकों को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पाने की वजह से। कटिहार जिले कई फैक्ट्री बंद हो गया , और इसी वजह से ये जिला अपना पुराना पहचान खो दिया ।
बिहार कटिहार में पिछले कई साल से बंद हुए फैक्ट्री के नाम इस प्रकार
दो जूट मिल्स, दो फ्लावर मिल्स, कांटी फैक्ट्री, दिया सलाई फैक्ट्री, ट्यूबेल फैक्ट्री, पोल फैक्ट्री, कूट फैक्ट्री सहित एक दर्जन छोटे बड़ेबिस्कुट फैक्ट्री, चापाकल फैक्ट्री, पॉलिथिन फैक्ट्री, पाईप फैक्ट्री बंद हो चुकी है और कई बंदी के कगार पर है।
ये थी बिहार पलायन की समस्या , अब इस समस्या का सामधान (Solution) पर क्या है ? और कैसे बिहार से पलायन रोका जा सकता है , आईए जानते हैं विस्तार से
उस पहले आपको एक शायरी सुनाते है
गाँव पर किसी शायर क्या खुब लिखा है कि- सुना है उसने खरीद लिया है करोड़ों का घर शहर में मगर आंगन दिखाने आज भी वो बच्चों को गांव लाता है।
बिहार के पलायन का समस्या का सामधान
(Solution of problem of migration of Bihar)
बिहार पलायन समस्या के सामधान के लिए आज हम पांच मुख्य बताने जा रहे है।
(1)सर्वप्रथम गांवों में रोजगार के अवसर विस्तार
के साथ उपलब्ध कराए जाए जिससे लोगों को आर्थिक सुरक्षा तो मिलेगी साथ ही वे खुद ही अपनी जीवनशैली में सुधार करेंगे।
(2) ग्रामीण क्षेत्रों में शहरों जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए जिसमें, परिवहन सुविधा, सड़क,Hospital , शिक्षण संस्थाएं, विद्युत आपूर्ति, पेयजल सुविधा, रोजगार तथा उचित न्याय व्यवस्था आदि शामिल हैं। शिक्षा के बात करे तो हाल में सरकार शिक्षा नीति ऐलान किया है , इस से भारत के गांवो की स्थिती बेहतर होगी।
( 3) ग्रामीण क्षेत्रों में परम्परागत कृषि के स्थान पर पूंजी आधारित व अधिक आय प्रदान करने वाली खेती को प्रोत्साहन दिया जाए जिससे किसानों के साथ-साथ सीमांत किसानों और मजदूरों को भी अधिक से अधिक लाभ हो सके। सिंचाई सुविधा, जल प्रबन्ध इत्यादि के माध्यम से कृषि भूमि क्षेत्र का विस्तार किया जाए जिससे न केवल उत्पादन में वृद्धि होगी साथ ही आय में भी वृद्धि होगी। वैसे मोदी सरकार ने लक्ष्य तय किया 2022 तक किसानो आय दोगुनी करने का।
(4) पलायन रोकने के लिए सरकार ज्यादा ज्यादा रोजगार गांवो व छोटे शहरो में पैदा करने पड़ेगा औऱ इसके लिए पाइवेट सेक्टर कंपनी को छोटे शहरो में उद्योग लगाने के लिए आगे आना चाहिए , बिहार सरकार को भी चाहिए इन कंपनी को सभी उद्योग लगाने छुट दे जिस बिहार पलायन समस्या सामधान हो सके ।
(5.) हाल दिनो एक बाद देखा कि उद्योग उन्ही शहरो लगाया जाता है , जँहा पहले कई उद्योग है , इसका ही सामधान है कि जिन क्षेत्रो में पहले उद्योग है उन क्षेत्रों बजाय छोटे शहर और ग्रामीण क्षेत्रो में उद्योग लगाए जाए। जिससे पलायन समस्या समाप्त , लोगो उनके जन्मभुमि रोजगार उपलब्ध हो सके ।
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