व्यंग्य: CWC Meeting Today Live Updates: आईए समझिए कांग्रेस पार्टी अंदर कॉलेजियम प्रणाली को जहाँ पर ना खाता ना बही जो परिवार कहे वही सही ..
नमस्कार दोस्तों कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में निर्णय लिया गया है कि सोनिया गांधी फ़िलहाल एक साल के लिए और पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष बनी रहेंगी
इसी साथ टेलीविजन (TV) पर न्यूज चैनलो पर चल रहा ड्रामा समाप्त हो जाता है। चलिए आज कहानी सुनाता हूँ , बिना विलंब किए कहानी को आरंभ करते है एक घर था जँहा पर गरीब मां बेटे रहते है थे , उस घर में एक कुर्सी था उस पर कभी मां बैठ जाती थी , या फिर कभी बेटा बैठ जाता था। फिर इसमें किसी क्या समस्या (Problem) हो सकती है। उस कुर्सी कोई बैठे इसमें राजनिति कहा से आती है। खैर ये बाते ना ही गोदी मिडिया और ना ही मोदी भक्त समझे गे , इन लोगो बस हर मुद्दे बस राजनिति करना आता है। करेंगे भी क्यों ना मोदी के दोस्त मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) सस्ते में 4 G internet जो दे दिया है। तभी तो भक्त सुबह से शाम तक बस मोदी मोदी करते है।
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राजनिति व्यंग्य |
आप फिर कहेगे शशि भाई ये क्या मजाक कर रहे हो कांग्रेस पार्टी कब से एक परिवार की घर बन चुका है , इसका उत्तर यही है कि कांग्रेस गांधी परिवार का निजी संपत्ति ही तो है। आप सांप्रदायिक सोच रखने वाले भाजपा उदाहरण देंगे और कहे गे वो लोग अपने पार्टी को मां कहते है बस जनता भावना (Emotion) करके वोट लेते है। सांप्रदायिक भाजपा के बात छोड़िए।
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मां प्रति प्यार राहुल जी से सिखिए
राहुल गांधी (Rahul Gandhi) जी को देख लिजिए , वो चाहते है तो कब का कांग्रेस का अध्यक्ष (president) बन जाते है। कांग्रेस में पार्टी में बहुमत राहुल गांधी जी अध्यक्ष बनाने पक्ष में हैं। लेकिन राहुल जी में भारतीय संस्कृत भरी-परी तब ही तो वो मां से पार्टी की अध्यक्ष कुर्सी नही लेना चाहते है। आखिर वो कैसे अपने बूढ़ी मां से कुर्सी छीन कर बैठ जाते , कांग्रेस में भाजपा एजेंड यही चाहते है कि राहुल जी अपने गरीब मां की कुर्सी छीनकर खुद बैठ जाए। जिस से चुनाव में सांप्रदायिक भाजपा (BJP) सोच रखने वाले का विजय हासिल करे। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण 2019 का चुनाव है ही , आप फिर कहेंगे उस समय राहुल जी अध्यक्ष पद स्वीकार कैसे कर लिया , उन्होंने बस विश्वास किया वरिष्ठ नेताओ (Senior leaders) पर उन्हे कहा मालूम था कि जिन नेताओ को वो अपना मानते थे वो विभीषण निकले गे और सांप्रदायिक भाजपा के साथ मिले हुए है। उन्हे मालूम होता तो वो कभी भी इतने चुनाव हारने का विश्व रिकॉर्ड नही बनाते है।
आप सोचिए गा जब राजमाता सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) जी बीमार थी ,
उसी समय सांप्रदायिक भाजपा ने एजेंड ने ये चिट्ठी लिखते है कि कांग्रेस राजमाता खिलाफ और कहते है कि शीघ्र ही पार्टी नये अध्यक्ष चुन लेना चाहिए। इस बात समझिए कि सांप्रदायिक भाजपा ने कितनी बड़ी षडयंत्र राहुल जी खिलाफ रची थी। वो राहुल जी समझदार थे जो सही समय पर CWC Meeting बुला कर कांग्रेस अंदर गांधी परिवार खिलाफ हो रहे बड़ी षडयंत्र का पर्दाफाश कर दिया। सोनिया आने वाले एक साल तक कांग्रेस अध्यक्ष पद बने रहेंगे , और वो जबतक चाहे तब तक अध्यक्ष बनें रहेंगे, चमचे तो हमेशा ही गांधी परिवार गुलाम और भरोसेमंद बने रहेंगे , क्योंकि गांधी परिवार के विरुद्ध कुछ कहा था इन लोगो पर भी आरोप लग जाए गा भाजपा से मिले हुए है , जैसे कांग्रेस बड़े नेता लगा है। खैर जाने दीजिए मैं बात को विराम रखते ये कह देता हूँ राहुल जी बहुत बुद्धिमान है और अंत में कांग्रेस पार्टी कॉलेजियम प्रणाली को समझना हो तो बस कुछ लाइन शब्द ही काफी है, ना खाता ना बही जो परिवार कहे वही सही ..
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