Indian most dangerous commando forces: भारत की 10 सबसे खतरनाक कमांडो फोर्स जिनका नाम सुनते ही कांप जाते हैं पाकिस्तानी और चीन
नमस्कार दोस्तों जैसा आप सभी जानते ही एक तरफ पुरा दुनिया कोरोना लड़ है वही हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Control) लगातार ही गोलीबारी कर रहा है , वही पाकिस्तान समर्थक आंतकवादी कश्मीर और वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Control) मुठभेड़ लगातार ही होता ही रहता है। किंतु वर्तमान भारतीय सेना आंतकवाद लगातार ही सफाया कर रही है , जिसके उपरांत पाकिस्तान डरा हुआ है क्योंकि कि भारतीय सेना कश्मीर के अंदर ही आंतकवाद सफाया नही कर रहा बल्कि पाकिस्तान के घर में घुसकर भी सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक करके भारत ने साफ सदेंश दे दिया अब भारतीय सैनिक आंतकवाद को जड़ से मिटा कर ही रहेंगी।
वैसे कुछ दिनो से भारत व चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Control) तनाव बनी हुई भारतीय सेना चीन को साफ सदेंश दे दिया ये नया भारत जो अपने दुश्मनो छोड़ता नही बल्कि घर में घुसकर मारता है। इस लेख विषय में भारत व चीन तनाव पर नही बल्कि कि हम आपको भारत की 10 सबसे खतरनाक कमांडो फोर्स के बारे में बताने जा रहे हैं।
चलिए दोस्तों जानते है भारत के सबसे ताकतवर फोर्स के बारे जिसके नाम से ही चीन व पाकिस्तान कांपने लगते है।
ट्रेनिंग
पैरा कमांडोज की आसमान से छलांग लगाने से पहले जमीन पर कड़ी ट्रेनिंग होती है, जो कि 15 दिनो की होती है। पैरा कमांडो को आसमान में 5 हजार से लेकर 30 हजार फीट तक की ऊंचाई से छलांग लगाकर दुश्मन का खात्मा करने की ट्रेनिंग मिली होती है। एक पैरा कमांडो के पास दो पैराशूट होते हैं। पहले पैराशूट का वजन 15 किलोग्राम होता है, जबकि दूसरे रिजर्व पैराशूट का वजन 5 किलोग्राम होता है।
2 मारकोस
मार्कोस इंडियन नेवी के कमांडो होते हैं और का गठन 1987 में किया गया था यूएस सील कमांडोज के बाद दुनिया की एकमात्र ऐसी फोर्स है जो पूरे हथियारों के साथ पानी के भीतर ऑपरेशन्स को अंजाम दे सकती है भारत के पास फ़िलहाल 1200 मार्कोस कमांडो है।
ट्रेनिंग
मार्कोस कमांडो दुनिया की सबसे मुश्किल ट्रेनिंग से होकर गुजरते हैं। इन्हें शारीरिक और मानसिक तौर पर तैयार किया जाता है। मार्कोस कमांडो ट्रेनिंग में पहले तीन दिन फिजिकल फिटनेस और एप्टीट्यूड टेस्ट लिया जाता है। इस परीक्षा को केवल 20 प्रतिशत कैंडिडेट ही पास कर पाते हैं। इनकी बेसिक ट्रेनिंग आईएनएस अभिमन्यु में होती है। पैराजंपिंग की ट्रेनिंग आगरा के पैराट्रूपर ट्रेनिंग स्कूल में होती है। डाइविंग की ट्रेनिंग कोच्ची के नेवी डाइविंग स्कूल में होती है। मार्कोस कमांडो हाथ-पैर बंधे होने पर भी तैर सकते है। नौसेना के सीनियर अफसर की मानें तो परिवार वालों को भी उनके कमांडो होने का मालूम नहीं होता है।
3. गरूड़ कमांडोज
यह भारत की वायु सेना के कमांडो होते हैं भारत के पास लगभग दो हजार गरुड़ कमांडो है यह कमांडो सभा में ही हथियारों से लैस किसी भी एरोप्लेन को नष्ट कर सकते हैं।
ट्रेनिंग
गरुड़ कमांडो को 72 हफ्तों की ट्रेनिंग दी जाती है, जो कि बेसिक ट्रेनिंग होती है। किंतु पूरी ट्रेनिंग तीन वर्ष की होती है। प्राथिमक तौर पर इन्हें गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर ट्रेनिंग दी जाती है। यहां से उन्हे नौसेना स्कूल भेजा जाता है और फिर आर्मी के आउंटर इनसर्जेन्सी एंड जंगल वार फेयर स्कूल भेजा जाता है।
4 घातक
कहा जाता है कि घातक फोर्स क जवान इतने शक्तिशाली होते हैं कि एक जवान दुश्मन सेना के 20 सैनिकों को धूल चटान के लिए प्र्याप्त होता है. युद्ध के वक्त बटालियन के आगे चलने वाली भारतीय सेना की स्पेसल कंपनी गातक तोपखानों को नष्ट करने में माहिर होते हैं. इन्हें क्लोज बैटल और मैन टू मैन एसॉल्ट की कड़ी ट्रेनिंग दी जाती है।
ट्रेनिंग
घातक फोर्स कमांडो को कर्नाटक के बेंगलुरु में ट्रेनिंग दी जाती है। ट्रेनिंग के तहत कमांडो को 20 से 60 km बैटल ग्रियर राउंड स्पीड मशीन चलाना सिखाया जाता है। इसके उपरांत उन्हे हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल भेजा जाता है। फोर्स कमांडो को ब्रिटिश आर्मी के साथ ट्रेनिंग दी जाती है। परमवीर चक्र विजेता योगेंद्र सिंह यादव घातक फोर्स का हिस्सा थे, जिन्होंने कारगिल की टाईगर हिल्स पर पाकिस्तान के विरुद्ध अपने सैन्य कौशल का प्रदर्शन किया था।
5 कोबरा
कोबरा कमांडो को 2008 में घटित किया गया था यह भारत में पल रहे नक्सलवाद के खिलाफ अपनी सेवाएं देते रहते हैं कोबरा कमांडोज बहुत ही खतरनाक होते हैं।
ट्रेनिंग
कोबरा को जंगल वारफेयर के लिए बेंगलुरु और कोरापुत में ट्रेनिंग दी जाती है। इनकी ट्रेनिंग एनएसजी कमांडो के समान होती है। प्रत्येक कोबरा कमांडो को पैराशूट रेजीमेंट में हेली जंप की ट्रेनिंग दी जाती है। उन्हे लंबी दूरी चलकर खुफिया इफॉर्मेशन इकट्ठा करने की जानकारी होती है। तीन महीनों की ट्रेनिंग के उपरांत उन्हे नक्सली इलाकों में तैनात किया जाता है।
6.स्पेशल प्रोटेक्शन फोर्स (SPG)
गठन 2 जून 1988 हुआ था , इस स्पेशल फोर्स का गठन 1988 में भारतीय संसद की ओर से किया गया था। इसका मुख्य काम पीएम, पूर्व पीएम और उनके परिवार को सुरक्षा करना होता है। राजीव गांधी की हत्या के बाद इसका गठन किया गया था। यह अत्याधुनिक हथियारों से लैस होते हैं। इनकी ओर से खुफिया इफॉर्मेशन हासिल की जाती है और लोगों को सुरक्षा दी जीता है। इनका ट्रैक रिकॉर्ड शानदार रहा है। राजीव गांधी की हत्या के बाद से किसी अन्य प्रधानमंत्री पर कोई हमला नहीं हो सका है। वैसे 2019 में SPG संशोधन विधेयक तहत अब प्रधानमंत्री पद से 5 साल के हटने उपरांत SPG सिक्योरिटी नही मिलेगी।
ट्रेनिंग
स्पेशल प्रोटेक्शन फोर्स (SPG) को भारतीय पुलिस सर्विस की ओर से ट्रेनिंग दी जाती है। SPG के जवान अत्याधुनिक हथियारों से लैस होते हैं।
7.स्पेशल फ्रंटियर फोर्स
गठन 14 नवंबर 1962 को हुआ था जब भारत -चीन से युद्ध के दौरान चीनी आक्रमण से लोहा लेने के लिए एक स्पेशल फोर्स का गठन किया गया, जिसका कार्य छिपे हुए दुश्मनों के विरुद्ध कार्रवाई करना था। इसका इस्तेमाल उग्रवाद के खिलाफ और स्पेशल ऑपरेशन के दौरान किया जाता है। यह फोर्स भारत की बाहरी खुफिया एजेंसी (रॉ) के अंतर्गत आती है। यह फोर्स कैबिनेट सेक्रेट्रियेट के डॉयरेक्ट्रेट जनरल के जरिए सीधे प्रधानमंत्री को सूचना देती है। इसका पूरा सेटअप ऐसा होता है कि भारतीय सेना को भी इसके ऑपरेशन की इफॉर्मेशन नहीं होती है।
8.फोर्स वन
वर्ष 2010 फोर्स वन स्पेशल फोर्स का गठन हुआ था । देश को 26/11 के मुंबई आतंकी हमले के बाद इसकी जरूरत महसूस हुई। इस फोर्स का मुख्य कार्य मुंबई शहर को आतंकी हमलों से सुरक्षित रखना है। यह विश्व में सबसे तेज गति से सैन्य कार्रवाई करने में माहिर होती है। यह फोर्स हमले के 15 मिनट में घटनास्थल पर पहुंचकर स्थित से मुकाबला कर सकती है।
9. सीमा सुरक्षा बल
सीमा सुरक्षा बल (B S f) विश्व का सबसे बड़ा सीमा सुरक्षा बल है जिसका गठन 1 दिसंबर 1965 को हुआ था। इसकी उत्तरदायी शांति के समय भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर निरंतर निगरानी रखना, भारत भूमि की रक्षा और अंतरराष्ट्रीय अपराध को रोकना है।
ट्रेनिंग
इन कमांडो को मार्शल आर्ट के साथ साथ दूसरे ट्रेनिंग के बाधाएं पार करने की ट्रेनिंग दी जाती है, ये सब ट्रेनिंग इन कमांडो को दी जा रही है।ग्वालियर के टेकनपुर की B S f अकादमी में।
10. केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF)
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) भारत का सबसे बड़ा केंद्रीय सशस्त्र सुरक्षा बल है। CRPF के जवान विषम परिस्थितियों में देश के नागरिकों की सुरक्षा करते हैं।
ट्रेनिंग
जवानों ने कांबिंग ऑपरेशन चला कर दुश्मनों को तलाश करने की तरीके सीखे। वैभारगिरी पर्वत की तलहटियों और जंगलों में यह प्रशिक्षण अभियान चला। जवानों को शारीरिक व मानसिक रूप से मजबूत करने के लिए फर्राटा दौड़, लंबी दौड़, सम्यक व्यायाम, नि:युद्ध, मुष्टि युद्ध और युद्ध अवरोध प्रहार मार्ग पार करने जैसे प्रशिक्षण दिए जाते हैं।
Karlos Dillard Wiki, Age, Bio, Husband, Net Worth, Family
वैसे कुछ दिनो से भारत व चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Control) तनाव बनी हुई भारतीय सेना चीन को साफ सदेंश दे दिया ये नया भारत जो अपने दुश्मनो छोड़ता नही बल्कि घर में घुसकर मारता है। इस लेख विषय में भारत व चीन तनाव पर नही बल्कि कि हम आपको भारत की 10 सबसे खतरनाक कमांडो फोर्स के बारे में बताने जा रहे हैं।
चलिए दोस्तों जानते है भारत के सबसे ताकतवर फोर्स के बारे जिसके नाम से ही चीन व पाकिस्तान कांपने लगते है।
1 पैरा कमांडोज
यह भारत की सबसे शिक्षित कमांडोज होते हैं 1965 मैं भारत पाकिस्तान युद्ध और 1999 में कारगिल युद्ध की जीत में पैरा कमांडोज महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं वहीं 2016 में हुई सर्जिकल स्ट्राइक में भी पैरा कमांडो उसका प्रमुख हाथ था।ट्रेनिंग
पैरा कमांडोज की आसमान से छलांग लगाने से पहले जमीन पर कड़ी ट्रेनिंग होती है, जो कि 15 दिनो की होती है। पैरा कमांडो को आसमान में 5 हजार से लेकर 30 हजार फीट तक की ऊंचाई से छलांग लगाकर दुश्मन का खात्मा करने की ट्रेनिंग मिली होती है। एक पैरा कमांडो के पास दो पैराशूट होते हैं। पहले पैराशूट का वजन 15 किलोग्राम होता है, जबकि दूसरे रिजर्व पैराशूट का वजन 5 किलोग्राम होता है।
2 मारकोस
मार्कोस इंडियन नेवी के कमांडो होते हैं और का गठन 1987 में किया गया था यूएस सील कमांडोज के बाद दुनिया की एकमात्र ऐसी फोर्स है जो पूरे हथियारों के साथ पानी के भीतर ऑपरेशन्स को अंजाम दे सकती है भारत के पास फ़िलहाल 1200 मार्कोस कमांडो है।
ट्रेनिंग
मार्कोस कमांडो दुनिया की सबसे मुश्किल ट्रेनिंग से होकर गुजरते हैं। इन्हें शारीरिक और मानसिक तौर पर तैयार किया जाता है। मार्कोस कमांडो ट्रेनिंग में पहले तीन दिन फिजिकल फिटनेस और एप्टीट्यूड टेस्ट लिया जाता है। इस परीक्षा को केवल 20 प्रतिशत कैंडिडेट ही पास कर पाते हैं। इनकी बेसिक ट्रेनिंग आईएनएस अभिमन्यु में होती है। पैराजंपिंग की ट्रेनिंग आगरा के पैराट्रूपर ट्रेनिंग स्कूल में होती है। डाइविंग की ट्रेनिंग कोच्ची के नेवी डाइविंग स्कूल में होती है। मार्कोस कमांडो हाथ-पैर बंधे होने पर भी तैर सकते है। नौसेना के सीनियर अफसर की मानें तो परिवार वालों को भी उनके कमांडो होने का मालूम नहीं होता है।
3. गरूड़ कमांडोज
यह भारत की वायु सेना के कमांडो होते हैं भारत के पास लगभग दो हजार गरुड़ कमांडो है यह कमांडो सभा में ही हथियारों से लैस किसी भी एरोप्लेन को नष्ट कर सकते हैं।
ट्रेनिंग
गरुड़ कमांडो को 72 हफ्तों की ट्रेनिंग दी जाती है, जो कि बेसिक ट्रेनिंग होती है। किंतु पूरी ट्रेनिंग तीन वर्ष की होती है। प्राथिमक तौर पर इन्हें गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर ट्रेनिंग दी जाती है। यहां से उन्हे नौसेना स्कूल भेजा जाता है और फिर आर्मी के आउंटर इनसर्जेन्सी एंड जंगल वार फेयर स्कूल भेजा जाता है।
4 घातक
कहा जाता है कि घातक फोर्स क जवान इतने शक्तिशाली होते हैं कि एक जवान दुश्मन सेना के 20 सैनिकों को धूल चटान के लिए प्र्याप्त होता है. युद्ध के वक्त बटालियन के आगे चलने वाली भारतीय सेना की स्पेसल कंपनी गातक तोपखानों को नष्ट करने में माहिर होते हैं. इन्हें क्लोज बैटल और मैन टू मैन एसॉल्ट की कड़ी ट्रेनिंग दी जाती है।
ट्रेनिंग
घातक फोर्स कमांडो को कर्नाटक के बेंगलुरु में ट्रेनिंग दी जाती है। ट्रेनिंग के तहत कमांडो को 20 से 60 km बैटल ग्रियर राउंड स्पीड मशीन चलाना सिखाया जाता है। इसके उपरांत उन्हे हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल भेजा जाता है। फोर्स कमांडो को ब्रिटिश आर्मी के साथ ट्रेनिंग दी जाती है। परमवीर चक्र विजेता योगेंद्र सिंह यादव घातक फोर्स का हिस्सा थे, जिन्होंने कारगिल की टाईगर हिल्स पर पाकिस्तान के विरुद्ध अपने सैन्य कौशल का प्रदर्शन किया था।
5 कोबरा
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कोबरा कमांडो को 2008 में घटित किया गया था यह भारत में पल रहे नक्सलवाद के खिलाफ अपनी सेवाएं देते रहते हैं कोबरा कमांडोज बहुत ही खतरनाक होते हैं।
ट्रेनिंग
कोबरा को जंगल वारफेयर के लिए बेंगलुरु और कोरापुत में ट्रेनिंग दी जाती है। इनकी ट्रेनिंग एनएसजी कमांडो के समान होती है। प्रत्येक कोबरा कमांडो को पैराशूट रेजीमेंट में हेली जंप की ट्रेनिंग दी जाती है। उन्हे लंबी दूरी चलकर खुफिया इफॉर्मेशन इकट्ठा करने की जानकारी होती है। तीन महीनों की ट्रेनिंग के उपरांत उन्हे नक्सली इलाकों में तैनात किया जाता है।
6.स्पेशल प्रोटेक्शन फोर्स (SPG)
गठन 2 जून 1988 हुआ था , इस स्पेशल फोर्स का गठन 1988 में भारतीय संसद की ओर से किया गया था। इसका मुख्य काम पीएम, पूर्व पीएम और उनके परिवार को सुरक्षा करना होता है। राजीव गांधी की हत्या के बाद इसका गठन किया गया था। यह अत्याधुनिक हथियारों से लैस होते हैं। इनकी ओर से खुफिया इफॉर्मेशन हासिल की जाती है और लोगों को सुरक्षा दी जीता है। इनका ट्रैक रिकॉर्ड शानदार रहा है। राजीव गांधी की हत्या के बाद से किसी अन्य प्रधानमंत्री पर कोई हमला नहीं हो सका है। वैसे 2019 में SPG संशोधन विधेयक तहत अब प्रधानमंत्री पद से 5 साल के हटने उपरांत SPG सिक्योरिटी नही मिलेगी।
ट्रेनिंग
स्पेशल प्रोटेक्शन फोर्स (SPG) को भारतीय पुलिस सर्विस की ओर से ट्रेनिंग दी जाती है। SPG के जवान अत्याधुनिक हथियारों से लैस होते हैं।
7.स्पेशल फ्रंटियर फोर्स
गठन 14 नवंबर 1962 को हुआ था जब भारत -चीन से युद्ध के दौरान चीनी आक्रमण से लोहा लेने के लिए एक स्पेशल फोर्स का गठन किया गया, जिसका कार्य छिपे हुए दुश्मनों के विरुद्ध कार्रवाई करना था। इसका इस्तेमाल उग्रवाद के खिलाफ और स्पेशल ऑपरेशन के दौरान किया जाता है। यह फोर्स भारत की बाहरी खुफिया एजेंसी (रॉ) के अंतर्गत आती है। यह फोर्स कैबिनेट सेक्रेट्रियेट के डॉयरेक्ट्रेट जनरल के जरिए सीधे प्रधानमंत्री को सूचना देती है। इसका पूरा सेटअप ऐसा होता है कि भारतीय सेना को भी इसके ऑपरेशन की इफॉर्मेशन नहीं होती है।
8.फोर्स वन
वर्ष 2010 फोर्स वन स्पेशल फोर्स का गठन हुआ था । देश को 26/11 के मुंबई आतंकी हमले के बाद इसकी जरूरत महसूस हुई। इस फोर्स का मुख्य कार्य मुंबई शहर को आतंकी हमलों से सुरक्षित रखना है। यह विश्व में सबसे तेज गति से सैन्य कार्रवाई करने में माहिर होती है। यह फोर्स हमले के 15 मिनट में घटनास्थल पर पहुंचकर स्थित से मुकाबला कर सकती है।
9. सीमा सुरक्षा बल
सीमा सुरक्षा बल (B S f) विश्व का सबसे बड़ा सीमा सुरक्षा बल है जिसका गठन 1 दिसंबर 1965 को हुआ था। इसकी उत्तरदायी शांति के समय भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर निरंतर निगरानी रखना, भारत भूमि की रक्षा और अंतरराष्ट्रीय अपराध को रोकना है।
ट्रेनिंग
इन कमांडो को मार्शल आर्ट के साथ साथ दूसरे ट्रेनिंग के बाधाएं पार करने की ट्रेनिंग दी जाती है, ये सब ट्रेनिंग इन कमांडो को दी जा रही है।ग्वालियर के टेकनपुर की B S f अकादमी में।
10. केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF)
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) भारत का सबसे बड़ा केंद्रीय सशस्त्र सुरक्षा बल है। CRPF के जवान विषम परिस्थितियों में देश के नागरिकों की सुरक्षा करते हैं।
ट्रेनिंग
जवानों ने कांबिंग ऑपरेशन चला कर दुश्मनों को तलाश करने की तरीके सीखे। वैभारगिरी पर्वत की तलहटियों और जंगलों में यह प्रशिक्षण अभियान चला। जवानों को शारीरिक व मानसिक रूप से मजबूत करने के लिए फर्राटा दौड़, लंबी दौड़, सम्यक व्यायाम, नि:युद्ध, मुष्टि युद्ध और युद्ध अवरोध प्रहार मार्ग पार करने जैसे प्रशिक्षण दिए जाते हैं।
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