मिलावट के जहर कैसे बचे कैसे पहचाने ने खाद पदाथ में मिलावट है कहा करें मिलावट वाली चीजों शिकायत
नमस्कार दोस्तों आप सभी स्वागत है हमारे ब्लॉग पर, आप अभी पढ़ रहें है shashiblog.in आज के आर्टिकल में बताएंगे मिलावट से कैसे बचे|
सामान्य रूप में मार्केट में लाएं गये खाद पदार्थों में मिलावट बना रहता है चाहे दाल व अनाज दूध हो मसाले सब्जी व फल तक कोई आज के दौर में मिलावट से बचा नही है| आज मिलावट का सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव हमारी रोजमर्रा की लाइफस्टाइल पर पड़ रहा है|
शरीर की पोषण के हमें हमें प्रतिदिन खाद्य पदार्थों की जरूरत पड़ती
है , शरीर को स्वस्थ रखने के लिए प्रो प्रोटीन वसा कार्बोहाइड्रेट विटामिन तथा खनिज
लवण आदि की की पर्याप्त मात्रा की और अपने भोजन में हमेशा शामिल करना जरूरी है| ये सभी पोषक तत्व संतुलित आहार से ही प्राप्त किये जा सकते हैं|यह तभी पॉसिबल है जब मार्केट में मिल रहा है खाद पदार्थ में मिलावट
ना हो जैसे कि दालें, अनाज,
दुग्ध उत्पाद,
मसाले,
तेल दालें,
अनाज,
अन्य खाद्य पदार्थ
|
मिलावट करने से पदार्थ आकर्षक दिखते हैं लेकिन लेकिन वह सेहत के लिए बहुत ही हानिकारक होती है, सामान्य
रूप से किसी भी खाद्य पदार्थों कोई बाहरी तत्व मिला दिया जाए उससे कोई मूल्यवान पोषक तत्व निकाल लिया जाए या भोज्य पदार्थ को
अनुचित ढंग से संग्रहीत किया जाए उसकी
गुणवत्ता में कमी आ जाता है|पिछले 10 वर्षों से हमारे यहां हमारे भारत में भी मिलावट की मात्रा
काफी बढ़ गए कई वर्षों में 25 से 30% से लेकर 75 से 80% से अधिक मिलावट होती है
हमारे लिए यह कितने आगे की बात है जहां एक और वस्तुओं की कीमतें तेजी से बढ़ रही
है आसमान को छू रही है वहीं मिलावट की मात्रा बढ़ गई होगी|
अपने चारों तरफ अगर नजर आएगा तो आपको रिश्तों तक, और
नीयत से लेकर नेतागीरी तक,
हर चीज़ में मिलावट नजर आएगी भारत ग्रंथों में यह बताया गया है कि आज
का युग कलयुग है लेकिन रिसर्च ये कहता है कि आज का युग मिलावट का युग है|
आपको बता दें कि मिलावट से हमारे देश के उपभोक्ता मामलों के केंद्रीय
मंत्री रामविलास पासवान भी नहीं बच सके
बताया जा रहा है कि मंत्री जी ने भी दिल्ली के एक प्रसिद्ध मार्केट
से सेव खरीदा था पर उन्हें भी मिलावटी से मिल गई यह एक ऐसी कहानी है कि जिस
मंत्रालय को जिम्मेदारी है|उसी विभाग के मंत्री खुद इस मिलावट का शिकार हो गए केंद्रीय
मंत्री रामविलास पासवान ने प्रेस को ऑफिस में बताया कि उनके स्टाफ ने दिल्ली के
खान मार्केट से सेब खरीदा ₹420 किलो की थी लेकिन वह सेब बहुत चमकदार थे, इसलिए
पहले इन्हें धोया गया,
लेकिन कई बार धोने के बाद भी इनकी चमक नहीं गई. जब इन सेबों को चाकू
से खुरचा गया, तो उनमें से मोम यानी Wax की एक मोटी परत निकली|
घटना ये केंद्रीय मंत्री से जुड़ा था तो तुरंत उस दुकानदार पर एक्शन हुआ
और उसकी चालान कट गई| मिलावट वाले महामारी से दिल्ली या उसके
आसपास के इलाकों की समस्या नहीं बल्कि पूरे देश की है इसलिए आज हम आपको मिलावट
रोकने की शिकायत करने और इसकी पहचान कैसे करे इस बारे में बताएंगे|
जी न्यूज शो DNA Sudhir Chaudhary ने मिलावट से बचने के कई तरीके बताए आज हम उन्हीं के बातो कोड करते हुए
आपको मिलावट से बचने के तरीके बताएंगे चलिए आपको बताते हैं उन तमान बातों
को
सबसे पहले आप फलों और सब्जियों में होने वाली मिलावट के बारे में जान लीजिए. सेब, खीरा, और शलगम जैसे फल और सब्जियों पर मोम यानी Wax की परत चढ़ाई जाती है|
ये Wax
इन फलों और सब्जियों को ज्यादा चमकदार बनाती है और जल्दी खराब होने
से भी बचाती है. सेब जैसे फलों की बाहरी परत प्राकृतिक मोम से ढकी हुई होती है| ये
मोम सेहत के लिए काफी हानिकारक नहीं होती, लेकिन इन्हें दुकानों और सुपर मार्केटमें भेजने से पहले अच्छी तरह
धोया जाता है| इस धुलाई के दौरान प्राकृतिक मोम की
परत निकल जाती है और सेब की चमक कम हो जाती है. इसलिए इन पर Artificial wax यानी कृत्रिम मोम लगाई जाती है. इससे ये सेब ज्यादा ताज़ा दिखाई देते
हैं और इनकी चमक खीरददारों को आकर्षित करती है|
आमतौर पर सेब पर Food
Grade मोम की परत चढ़ाई जाती है, यानी ये खाने योग्य होती है, लेकिन इसकी ज्यादा मात्रा आपकी सेहत को
नुकसान पहुंचा सकती है. इससे आपको पेट और छोटी आंत से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं
और ये भी पॉसिबल है कि खाने लायक इस मोम में भी मिलावट कर दी गई हो ,इसके अलावा
सब्जियों पर हरे रंग की एक Dye
भी लगाई जाती है|
इस DYE
को कैंसर कारक माना गया है. फलों और सब्जियों का आकार बढ़ाने के लिए
इनमें Oxytocin नामक हार्मोन के इंजेक्शन लगा दिए जाते हैं| Oxytocin से
आपको दिल से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं| फलों को जल्दी पकाने के लिए Calcium Carbide नामक केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है| ये केमिकल अगर ज्यादा मात्रा
में शरीर में चला जाए तो आपको सिरदर्द, चक्कर आना और घबराहट जैसी समस्याएं हो सकती हैं| ये आपके Neuro System यानी स्नायु तंत्र को भी बेकार कर सकता है. भारत में सबसे ज्यादा खाई
जाने वाली|
अरहर की दाल में Metanil
Yellow (मैटानिल यैलो ) नामक रंग का यूज होता है, इस
रंग का यूज करना अवैध है,
लेकिन अरहर की दाल में इसे बड़े पैमाने पर मिलाया जाता है| ये रंग
आपके Nervous
System को पूरी तरह से बर्बाद कर सकता है. गेहूं जैसे अनाज में Ergot (एर्गट)
नामक फंगस लग जाती है,
अगर इसी फंगस के साथ पीसे गए गेहूं का आटा आपके शरीर में चला जाए तो
आप गंभीर रूप से बीमार पड़ सकते हैं| इसी तरह मसालों में भी बड़े पैमाने पर मिलावट
की जाती है, हल्दी में Metanil
Yellow (मैटानिल यैलो ) नामक रंग मिलाया जाता है तो लाल मिर्च में Red Oxide नामक
कैंसर कारक रसायन मिलाया जाता है|
भारत में दूध भी शुद्ध नहीं मिलता
दूध में पानी,
डिटरजेंट और यूरिया मिलाकर इसे ज़हरीला और अशुद्ध बना दिया जाता है
भारत में अन्न को देवता कहा जाता है. लेकिन मुनाफाखोरी के चक्कर में हम अन्न के
साथ भी मिलावट वाला पाप कर देते हैं|
अब हम आपको बताते हैं कि खाने-पीने की वस्तुओं में मिलावट की शिकायत
आप कहां और कैसे कर सकते हैं, इसके लिए आप FSSAI से संपर्क कर सकते हैं|
और FSSAI की टोल फ्री नंबर से भी संपर्क कर सकते हैं 1800112100 ये FSSAI का
Customer Care नंबर है आप फोन करके अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं|
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