श्रीलंका और चीन के बीच बढ़ा दुरी: चीन के जाल फंस कर श्रीलंका ने अपनी तबाही कथा स्वयं लिखी। अब ऐसी खबरे सामने आ रही है। जो कि श्रीलंका और चीन के रिश्तों में साफ तौर पर खटास के संकेत मिल रहे है । एक रिपोर्ट के अनुसार श्रीलंका के विदेश मंत्रालय ने अपने कर्मचारियों से कहा है कि वो चीन से आए फूड पैकेट्स और दूसरा सामान न लें। खास बात यह है कि श्रीलंका की फॉरेन मिनिस्ट्री ने चीन के विदेश मंत्रालय से भी इस बात पर सख्त होकर विरोध जताया है कि उसने श्रीलंकाई कर्मचारियों को फूड आयटम्स के पैकेट क्यों भेजे इसका सीधा प्रश्न पुछ??इस समय श्रीलंका में चीन के विरुद्ध नाराजगी तेजी से बढ़ी है। विभिन्न मिडिया के चैनल रिपोर्ट साफ दिखा कि श्रीलंका के लोग जहां चीन से दूर हो रहे हैं, वहीं भारत से उनकी नजदीकियां बढ़ रही हैं। इस समय कई मिडिया रिपोर्ट ये दावे कर रहे है कि श्रीलंका में भारत के लिए सकारात्मक माहौल है।

- श्रीलंका और चीन के बीच बढ़ा दुरी
- ताजा घटनाक्रम
- चीनी ऐंबैसी की प्रयास
- जानिए श्रीलंका कितना कर्ज
- एसोसिएशन की सख्त आपत्ति
ताजा घटनाक्रम
श्रीलंका के अखबार ‘द मिरर’ अनुसार चीन से मिली इमदाद को लेकर एक रिपोर्ट पब्लिश की है। उसके अनुसार चीन हमारी फॉरेन मिनिस्ट्री के कर्मचारियों को चावल, शक्कर और दाल के पैकेट्स बांट रहा था। हमारे फॉरेन सेक्रेटरी और फॉरेन सर्विस ऑफिसर्स एसोसिएशन ने इस पर सख्त ऐतराज जताते हुए कहा कि फॉरेन मिनिस्ट्री को इन पैकेट्स के जरिए चीनी सहायता की अवश्यकता नहीं है। मिडिया रिपोर्ट के माने तो फॉरेन सेक्रेटरी जयंत कोलंबेज और चाइना-श्रीलंका फ्रेंडशिप एसोसिएशन को शुरुआत में इस डिस्ट्रब्यूशन की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। यह भी निश्चित हुआ था कि इस प्रोग्राम को औपचारिक तौर पर लॉन्च करने से पहले एक टोकन सेरेमनी होगी।
श्रीलंका और चीन के बीच बढ़ा दुरी
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चीनी ऐंबैसी की प्रयास

मिडिया रिपोर्ट के अनुसार कोलंबो में मौजूद चीनी ऐंबैसी ने श्रीलंका-चीन फ्रेंडशिप एसोसिएशन के जरिए ये फूड पैकेट्स बांटने की प्रयास की थी। यह मामला शायद नजर में नहीं आता, लेकिन एक श्रीलंकाई अफसर ने गलती कर दी। इस अफसर ने फॉरेन मिनिस्ट्री के उन कर्मचारियों के एड्रेस मांगे, ताकि उनके घर यह पैकेट्स पहुंचाए जा सकें। इसके बाद बवाल हो गया और अब चीन इस मामले पर फंसता नजर आ रहा है।
श्रीलंका और चीन के बीच बढ़ा दुरी
जानिए श्रीलंका कितना कर्ज

एसोसिएशन की सख्त आपत्ति
ये मासला सामने आने के बाद फॉरेन सर्विस एसोसिएशन के डेलिगेशन ने फॉरेन सेक्रेटरी जयंत से मुलाकात की। कहा- इस तरह के डोनेशन देने के हम सख्त खिलाफ हैं। इस तरह की हरकत की वजह से हमारी फॉरेन सर्विस और फॉरेन मिनिस्ट्री का अपमान होता है। इससे हर कीमत पर बचा जाना चाहिए।फॉरेन सेक्रेटरी कोलंबेज के अनुसार उन्हें इस बारे में तो जानकारी थी। लेकिन यह नहीं मालूम था कि इन पैकेट्स में क्या है। लेकिन कुछ मिडिया रिपोर्ट में दावे किए जा रहे है श्रीलंका में प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के इस्तीफे के बाद फॉरेन सेक्रेटरी की पोस्ट खाली है, इसलिए नया कोई आदेश जारी नहीं किया जा सकता।
संडे टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार फॉरेन मिनिस्ट्री या कोई भी डिप्लोमैट अब चीन के फूड आयटम्स नहीं ले पाएगा। जैसा कि आप चीन नीति जानते हैं ही पहले वो छोटे और गरीब देशो कर्ज देता है फिर वो उस देश के संसाधन पर कब्जा कर लेता है। जैसा कि वो श्रीलंका और पाकिस्तान के साथ कर रहा किया।